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熊野參詣

漸さし給ふ程に日數歴れば岩田河にも懸り給ひけり。此川の流を一度も渡る者は、惡業煩惱無始の罪障消なるものをと、憑敷うぞおぼしける。本宮に參りつき證誠殿の御前につい居給ひつゝ暫く法施參せて、御山の體を拜み給に、心も詞も及ばれず。大悲擁護の霞は、熊野山にたなびき、靈驗無雙の神明は、音無河に跡を垂る。一乘修行の岸には、感應の月曇もなく、六根懺悔の庭には、妄想の露も結ばず。何れも/\憑からずといふ事なし。夜深け人靜て、啓白し給ふに、父の大臣の、此御前にて、命を召して後世を扶け給へと、申されける事までも、思召出て哀也。「本地阿彌陀如來にてまします。攝取不捨の本願誤たず、淨土へ導給へ。」と申されける中にも、「故郷に留置し妻子安穩に。」と祈られけるこそ悲しけれ。浮世を厭ひ眞の道に入給へども、妄執は猶盡ずと覺えて、哀なりし事共也。

明ぬれば、本宮より舟に乘り、新宮へぞ參られける。神藏を拜み給に、巖松高く聳えて嵐妄想の夢を破り、流水清く流て、浪塵埃の垢をすゝぐらんとも覺たり。明日の社伏拜み、佐野の松原さし過て、那智の御山に參給ふ。三重に漲り落る瀧の水、數千丈まで打上り、觀音の靈像は岩の上に顯れて、補陀落山とも謂つべし。霞のそこには法華讀誦の聲聞ゆ、靈鷲山とも申つべし。抑權現當山に跡を垂させまし/\てより以來、我朝の貴賤上下歩を運び首を傾け掌を合せて利生に關らずといふことなし。僧侶されば甍を竝、道俗袖を連ぬ。寛和の夏の比、花山法皇、十善の帝位を逃させ給ひて、九品の淨刹を行はせ給ひけん御庵室の舊跡には、昔を忍ぶと覺しくて、老木の櫻ぞ開にける。

那智籠の僧共の中に、此三位中將を能々見知奉たると覺くて、同行に語りけるは、 「こゝなる修業者を如何なる人やらむと思ひたれば、小松大臣殿の御嫡子、三位中將 殿にておはしけるぞや。あの殿の未だ四位少將と聞え給ひし安元の春の比、法住寺殿 にて五十の御賀のありしに、父小松殿は内大臣の左大將にてまします。伯父宗盛卿は 中納言右大將にて、階下に著座せられたり。其外三位中將知盛、頭中將重衡以下、一 門の人々今日を晴と時めき給ひて、垣代に立給ひし中より、此三位中將殿櫻の花をか ざして、青海波を舞ていでられたりしかば、露に媚たる花の御姿、風に飜る舞の袖、 地を照し天も耀くばかり也。女院より關白殿を御使にて、御衣をかけられしかば、父 の大臣座をたち是を給はて、右の肩にかけ、院を拜し奉り給ふ。面目類少うぞ見えし。かたへの殿上人も、如何許羨敷う思はれけむ。内裏の女房達の中には、深山木の中の楊梅とこそ覺ゆれなど言れ給ひし人ぞかし。唯今大臣の大將待かけ給へる人とこそ見奉りしに、今日はかくやつれ果給へる御有樣、兼ては思寄ざりしをや。移れば替る世の習ひとは云ひながら、哀なる御事哉。」とて、袖を顏に推當て、さめ%\と泣ければ、幾等も並居たる那智籠りの僧共も、みなうち衣の袖をぞぬらしける。