University of Virginia Library

Search this document 

expand section1. 
expand section2. 
expand section3. 
collapse section4. 
collapse section1. 
 0484. 
 0485. 
 0486. 
 0487. 
 0488. 
 0489. 
 0490. 
 0491. 
 0492. 
 0493. 
 0494. 
 0495. 
 0496. 
 0497. 
 0498. 
 0499. 
 0500. 
 0501. 
 0502. 
 0503. 
 0504. 
 0505. 
 0506. 
 0507. 
 0508. 
 0509. 
 0510. 
 0511. 
 0512. 
 0513. 
 0514. 
 0515. 
 0516. 
 0517. 
 0518. 
 0519. 
 0520. 
 0521. 
 0522. 
 0523. 
 0524. 
 0525. 
 0526. 
 0527. 
 0528. 
 0529. 
 0530. 
 0531. 
 0532. 
 0533. 
 0534. 
 0535. 
 0536. 
 0537. 
 0538. 
 0539. 
 0540. 
 0541. 
 0542. 
 0543. 
 0544. 
 0545. 
 0546. 
 0547. 
 0548. 
 0549. 
 0550. 
 0551. 
 0552. 
 0553. 
 0554. 
 0555. 
 0556. 
 0557. 
 0558. 
 0559. 
 0560. 
 0561. 
 0562. 
 0563. 
 0564. 
 0565. 
 0566. 
 0567. 
 0568. 
 0569. 
 0570. 
 0571. 
 0572. 
 0573. 
 0574. 
 0575. 
 0576. 
 0577. 
 0578. 
 0579. 
 0580. 
 0581. 
 0582. 
 0583. 
 0584. 
 0585. 
 0586. 
 0587. 
 0588. 
 0589. 
589
 0590. 
 0591. 
 0592. 
 0593. 
 0594. 
 0595. 
 0596. 
 0597. 
 0598. 
 0599. 
 0600. 
 0601. 
 0602. 
 0603. 
 0604. 
 0605. 
 0606. 
 0607. 
 0608. 
 0609. 
 0610. 
 0611. 
 0612. 
 0613. 
 0614. 
 0615. 
 0616. 
 0617. 
 0618. 
 0619. 
 0620. 
 0621. 
 0622. 
 0623. 
 0624. 
 0625. 
 0626. 
 0627. 
 0628. 
 0629. 
 0630. 
 0631. 
 0632. 
 0633. 
 0634. 
 0635. 
 0636. 
 0637. 
 0638. 
 0639. 
 0640. 
 0641. 
 0642. 
 0643. 
 0644. 
 0645. 
 0646. 
 0647. 
 0648. 
 0649. 
 0650. 
 0651. 
 0652. 
 0653. 
 0654. 
 0655. 
 0656. 
 0657. 
 0658. 
 0659. 
 0660. 
 0661. 
 0662. 
 0663. 
 0664. 
 0665. 
 0666. 
 0667. 
 0668. 
 0669. 
 0670. 
 0671. 
 0672. 
 0673. 
 0674. 
 0675. 
 0676. 
 0677. 
 0678. 
 0679. 
 0680. 
 0681. 
 0682. 
 0683. 
 0684. 
 0685. 
 0686. 
 0687. 
 0688. 
 0689. 
 0690. 
 0691. 
 0692. 
 0693. 
 0694. 
 0695. 
 0696. 
 0697. 
 0698. 
 0699. 
 0700. 
 0701. 
 0702. 
 0703. 
 0704. 
 0705. 
 0706. 
 0707. 
 0708. 
 0709. 
 0710. 
 0711. 
 0712. 
 0713. 
 0714. 
 0715. 
 0716. 
 0717. 
 0718. 
 0719. 
 0720. 
 0721. 
 0722. 
 0723. 
 0724. 
 0725. 
 0726. 
 0727. 
 0728. 
 0729. 
 0730. 
 0731. 
 0732. 
 0733. 
 0734. 
 0735. 
 0736. 
 0737. 
 0738. 
 0739. 
 0740. 
 0741. 
 0742. 
 0743. 
 0744. 
 0745. 
 0746. 
 0747. 
 0748. 
 0749. 
 0750. 
 0751. 
 0752. 
 0753. 
 0754. 
 0755. 
 0756. 
 0757. 
 0758. 
 0759. 
 0760. 
 0761. 
 0762. 
 0763. 
 0764. 
 0765. 
 0766. 
 0767. 
 0768. 
 0769. 
 0770. 
 0771. 
 0772. 
 0773. 
 0774. 
 0775. 
 0776. 
 0777. 
 0778. 
 0779. 
 0780. 
 0781. 
 0782. 
 0783. 
 0784. 
 0785. 
 0786. 
 0787. 
 0788. 
 0789. 
 0790. 
 0791. 
 0792. 
expand section5. 
expand section6. 
expand section7. 
expand section8. 
expand section9. 
expand section10. 
expand section11. 
expand section12. 
expand section13. 
expand section14. 
expand section15. 
expand section16. 
expand section17. 
expand section18. 
expand section19. 
expand section20. 

589

[題詞](笠女郎贈大伴宿祢家持歌廿四首)

[原文]衣手乎 打廻乃里尓 有吾乎 不知曽人者 待跡不来家留
[訓読]衣手を打廻の里にある我れを知らにぞ人は待てど来ずける
[仮名],ころもでを,うちみのさとに,あるわれを,しらにぞひとは,まてどこずける
[_]
[左注]
[_]
[校異]
[_]
[KW],相聞,作者:笠女郎,大伴家持,待つ,恋情,枕詞,奈良,地名,贈答