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卷十五 Gu Yao Yan 古謡諺 | ||
穆王西巡時憂吟
穆天子傳
彼徂西土。爰居其野。虎豹為群。於鵲與處。嘉命不遷。
我為帝天子。大命而不可稱。顧世民之恩。流涕卉隕。
吹笙鼓簧。中心翱翔。世民之子。唯天子望。
我為帝天子。大命而不可稱。顧世民之恩。流涕卉隕。
吹笙鼓簧。中心翱翔。世民之子。唯天子望。
A verse made by Emperor Mu when he traveled west to see the territory he reigned. He expressed his concerns for his people and realized that people would wish for
him to do a good job.
卷十五 Gu Yao Yan 古謡諺 | ||