University of Virginia Library

Search this document 

collapse section 
 1,2,3,4,5. 
 6,7,8,9,10,11,12. 
 13. 
 15. 
 16. 
 14. 
 17. 
 18. 
 20. 
 19. 
 22, 23, 24. 
 25. 
 26. 
 27. 
 28. 
 29. 
 30. 
 31, 32, 33, 34, 35, 36, 50, 51, 52, 53, 54, 55 . 
 37. 
 38. 
 39. 
 40. 
 41. 
 42. 
 43, 44. 
 45, 46, 47, 48, 49, 56, 57, 58, 59, 60. 
 61. 
 62. 
 64. 
 65. 
 66. 
 68. 
 69. 
 67. 
 70. 
 71, 72, 73, 74. 
 75, 76, 77, 78. 
 79. 
  
 76, 76, 77, 78. 
 80, 81,82,83,84. 
 85. 
 88. 
 89,90,91,92,93,94. 
 95. 
 96. 
 97. 
 98,99,101,102,103,104,105,106. 
 107,108. 
 111. 
 112. 
  
 115. 
 116. 
 117,118. 
 119,120. 
 121. 
 122. 
 123. 
 124. 
 125,126. 
 127,128,129,130,131,132,133,134,135,136,137,138. 
 139. 
 140. 
 141. 
 142,143,144,145,146. 
 147. 
 148. 
  
 149. 
 150. 
 151. 
 152. 
 153. 
 154. 
 155. 
 156. 
 157. 
 158. 
 159. 
 160,161,162. 
 163. 
 164,165. 
 166. 
 167. 
 168. 
  
  
 178,179,181,182,183,184. 
 185,186. 
 197,198,199,200. 
 201. 
 204. 
 205. 
 205. 
 208. 
 209. 
 211. 
 210. 
 212. 
  
 213. 
  
 215. 
 216. 
 217. 
  
 218. 
 219,220,221,223,224,230,232. 
 233. 
 234. 
 235,236,237,238,239. 
 242. 
  
 243. 
 250. 
 252. 
 253. 
 254. 
 255. 
  
 256. 
  
 258. 
 259. 
  
  
  
  
  
 247,248. 
 260. 
 261. 
 263. 
 264. 
 265,266,267,268,269,270,271. 
[265、266、267、268、269、270、271]
 276,277,278. 
 279. 
 280. 
 281. 
 282. 
 283. 
  
 284. 
 285. 
 286. 
 287. 
 288. 
 289,290,291,292,293,294. 
 295,296,297,298,299,300,301,302,303. 
 304. 
 305,306,307,308,309,310,311,313,314,315,316,317. 
 A6. 
 A7. 
 A8. 
 A9. 
 A10. 
 A11. 
 188. 
  
 A23, A24. 
 109,319. 

[265、266、267、268、269、270、271]

たのもしきもの

心地あしきころ、僧あまたして修法したる、思ふ人の心地あしきころ、眞にたのもしき人の言ひ慰めたのめたる。物おそろしき折の親どものかたはら。

いみじうしたてて壻取りたるに、いとほどなくすまぬ壻の、さるべき所などにて舅に逢ひたる、いとほしとや思ふらん。ある人の、いみじう時に逢ひたる人の壻になりて、一月もはか%\しうも來で止みにしかば、すべていみじう言ひ騒ぎ、乳母などやうの者は、まが/\しき事どもいふもあるに、そのかへる年の正月に藏人になりぬ。 「あさましうかかるなからひに、いかでとこそ人は思ひためれ」など言ひあつかふは聞くらんかし。

六月に、人の八講し給ひし所に、人々集りて聞くに、この藏人になれる壻の、綾のうへの袴、蘇芳襲、黒半臂などいみじう鮮かにて、忘れにし人の車のとみのをに、半臂の緒ひきかけつばかりにて居たりしを、いかに見るらんと、車の人々も、知りたる限はいとほしがりしを、他人どもも、「つれなく居たりしものかな」など後にもいひき。なほ男は物のいとほしさ、人の思はんことは知らぬなめり。

世の中に猶いと心憂きものは、人ににくまれんことこそあるべけれ。誰てふ物ぐるひか、われ人にさおもはれんとは思はん。されど自然に、宮づかへ所にも、親はらからの中にても、思はるるおもはれぬがあるぞ、いとわびしきや。よき人の御事は更なり、げすなどのほども、親などのかなしうする子は、目だち見たてられて、いたはしうこそおぼゆれ。見るかひあるはことわり、いかが思はざらんと覺ゆ。ことなることなきは、又これをかなしと思ふらんは、親なればぞかしとあはれなり。親にも君にも、すべてうちかたらふ人にも人に思はれんばかりめでたき事はあらじ。

男こそ猶いとありがたく、怪しき心地したるものはあれ。いと清げなる人をすてて、にくげなる人をもたるもあやしかし。おほやけ所に入りたちする男、家の子などは、あるが中に、よからんをこそは選りて思は給はめ。及ぶまじからん際をだに、めでたしと思はんを、死ぬばかりも思ひかくれかし。人のむすめ、まだ見ぬ人などをも、よしと聞くをこそは、いかでとも思ふなれ。かつ女の目にも、わろしと思ふをおもふは、いかなる事にかあらん。かたちいとよく、心もをかしき人の、手もよう書き、歌をもあはれに詠みておこせなどするを、返事はさかしらにうちするものから、寄りつかず、らうたげにうち泣きて居たるを、見捨てて往きなどするは、あさましうおほやけはらだちて、眷屬の心地も心憂く見ゆべけれど、身のうへにては、つゆ心ぐるしきを思ひ知らぬよ。よろづの事よりも、情ある事は、男はさらなり、女もこそめでたく覺ゆれ。なげの詞なれど、せちに心にふかく入らねど、いとほしき事をいとほしとも、あはれなるをば實にいかに思ふらんなどいひけるを傳へて聞きたるは、さし向ひていふよりもうれし。いかでこの人に、思ひ知りけりとも見えにしがなと、常にこそおぼゆれ。必思ふべき人、訪ふべき人は、さるべきことなれば、取りわかれしもせず。さもあるまじき人のさし答をも、心易くしたるは嬉しきわざなり。いと易き事なれど、更にえあらぬ事ぞかし。大かた心よき人の、實にかどなからぬは、男も女もありがたきことなめり。又さる人も多かるべし。

人のうへいふを、腹立つ人こそ、いとわりなけれ。いかでかはあらん、我身をさし置きて、さばかりもどかしく、いはまほしきものやはある。されどけしからぬやうにもあり。又おのづから聞きつきて恨もぞする、あいなし。また思ひ放つまじきあたりは、いとほしなど思ひ解けば、念じていはぬをや。さだになくば、うち出で笑ひもしつべし。

人の顏に、とりわきてよしと見ゆる所は、度ごとに見れども、あなをかし、珍しとこそ覺ゆれ。繪など數多たび見れば、目もたたずかし。近う立てる屏風の繪などは、 いとめでたけれども見もやられず。人の貌はをかしうこそあれ。にくげなる調度の中にも、一つよき所のまもらるるよ。みにくきもさこそはあらめと思ふこそわびしけれ。