Laquei ridiculosi: Or Springes for Woodcocks By H. P. [i.e. Henry Parrot] |
1. |
1. |
2. |
3. |
4. |
5. |
6. |
7. |
8. |
9. |
10. |
11. |
12. |
13. |
14. |
15. |
16. |
17. |
18. |
19. |
20. |
21. |
22. |
23. |
24. |
25. |
26. |
27. |
28. |
29. |
30. |
31. |
32. |
33. |
34. |
35. |
36. |
37. |
38. |
39. |
40. |
41. |
42. |
43. |
44. |
45. |
46. |
47. |
48. |
49. |
50. |
51. |
52. |
53. |
54. |
55. |
56. |
57. |
58. |
59. |
60. |
61. |
62. |
63. |
64. |
65. |
66. |
67. |
68. |
69. |
70. |
71. |
72. |
73. |
74. |
75. |
76. |
77. |
78. |
79. |
80. |
81. |
82. |
83. |
84. |
85. |
86. |
87. |
88. |
89. |
90. | 90Asperum nimis condimentum.
|
91. |
92. |
93. |
94. |
95. |
96. |
97. |
98. |
99. |
100. |
101. |
102. |
103. |
104. |
105. |
106. |
107. |
109. |
110. |
111. |
112. |
113. |
114. |
115. |
116. |
117. |
118. |
119. |
120. |
121. |
122. |
123. |
124. |
125. |
126. |
127. |
128. |
129. |
130. |
131. |
132. |
133. |
134. |
135. |
136. |
137. |
138. |
139. |
140. |
141. |
142. |
143. |
144. |
145. |
146. |
147. |
148. |
149. |
150. |
151. |
152. |
153. |
154. |
155. |
156. |
157. |
158. |
159. |
160. |
161. |
162. |
163. |
164. |
165. |
166. |
167. |
168. |
169. |
170. |
171. |
172. |
173. |
174. |
175. |
176. |
177. |
178. |
179. |
180. |
181. |
182. |
183. |
184. |
185. |
186. |
187. |
188. |
189. |
190. |
192. |
193. |
193. |
194. |
195. |
196. |
197. |
198. |
199. |
200. |
201. |
202. |
203. |
204. |
205. |
206. |
207. |
208. |
211. |
212. |
213. |
214. |
215. |
216. |
217. |
218. |
219. |
220. |
221. |
222. |
223. |
224. |
2. |
1. |
3. |
4. |
5. |
7. |
8. |
9. |
10. |
12. |
13. |
15. |
16. |
17. |
18. |
19. |
20. |
23. |
24. |
25. |
26. |
27. |
28. |
29. |
31. |
32. |
33. |
34. |
37. |
38. |
39. |
40. |
41. |
42. |
43. |
45. |
46. |
47. |
48. |
49. |
50. |
51. |
52. |
53. |
54. |
55. |
56. |
58. |
59. |
60. |
61. |
62. |
63. |
65. |
67. |
69. |
70. |
71. |
73. |
74. |
77. |
78. |
79. |
81. |
82. |
83. |
84. |
88. |
90. |
92. |
93. |
94. |
95. |
96. |
98. |
102. |
104. |
106. |
110. |
112. |
114. |
116. |
117. |
118. |
120. |
121. |
122. |
123. |
124. |
126. |
128. |
130. |
138. |
139. |
148. |
150. |
154. |
156. |
158. |
159. |
162. |
166. |
167. |
168. |
170. |
171. |
175. |
176. |
177. |
179. |
181. |
182. |
185. |
186. |
187. |
188. |
189. |
190. |
191. |
294. |
195. |
197. |
198. |
201. |
202. |
203. |
204. |
205. |
206. |
207. |
208. |
209. |
210. |
211. |
212. |
213. |
214. |
Laquei ridiculosi: Or Springes for Woodcocks | ||
90Asperum nimis condimentum.
Mounseir Albanus new inuested isWith sundry suites and fashions passing fit,
But neuer any came so neare as this,
For ioy whereof Albanus frollickes it,
Vntill the Tailors bill of Solui fias,
Diuerts his humour cleane to another byas.
Laquei ridiculosi: Or Springes for Woodcocks | ||