THESAURO-PHULAKION[Greek]: or, A treasury of divine raptures Consisting of Serious Observations, Pious Ejaculations, Select Epigrams. Alphabetically rank'd and fil'd by a Private Chaplain to the Illustrious and Renowned Lady Urania The Divine and Heavenly Muse. The first part [by Nicholas Billingsley] |
1. |
2. |
3. |
4. |
5. |
6. |
7. |
8. |
9. |
10. |
11. |
12. |
13. |
14. |
15. |
16. |
17. |
18. |
19. |
20. |
21. |
22. |
23. |
24. |
25. |
26. |
27. |
28. |
29. |
30. |
31. |
32. |
33. |
34. |
35. |
36. |
37. | 37. On Afflictions.
|
38. |
39. |
40. |
41. |
42. |
43. |
44. |
45. |
46. |
47. |
48. |
49. |
50. |
51. |
52. |
53. |
54. |
55. |
56. |
57. |
58. |
59. |
60. |
61. |
62. |
63. |
64. |
65. |
66. |
67. |
68. |
69. |
70. |
71. |
72. |
73. |
74. |
75. |
76. |
77. |
78. |
79. |
80. |
81. |
82. |
83. |
84. |
85. |
86. |
87. |
88. |
89. |
90. |
91. |
92. |
93. |
94. |
95. |
96. |
97. |
98. |
99. |
100. |
101. |
102. |
103. |
104. |
1. |
2. |
3. |
4. |
5. |
6. |
7. |
8. |
9. |
10. |
11. |
12. |
13. |
14. |
15. |
16. |
17. |
18. |
19. |
20. |
21. |
22. |
23. |
24. |
25. |
26. |
27. |
28. |
29. |
30. |
31. |
32. |
33. |
34. |
35. |
36. |
37. |
38. |
39. |
40. |
41. |
42. |
43. |
44. |
45. |
46. |
47. |
48. |
49. |
50. |
51. |
52. |
53. |
54. |
55. |
56. |
57. |
58. |
59. |
60. |
61. |
62. |
63. |
64. |
65. |
66. |
67. |
68. |
69. |
70. |
71. |
72. |
73. |
74. |
75. |
76. |
77. |
78. |
79. |
80. |
81. |
82. |
83. |
84. |
85. |
86. |
87. |
88. |
89. |
90. |
91. |
92. |
93. |
94. |
95. |
96. |
97. |
98. |
99. |
100. |
101. |
102. |
103. |
104. |
105. |
106. |
107. |
108. |
109. |
110. |
111. |
112. |
113. |
114. |
115. |
116. |
117. |
118. |
119. |
120. |
121. |
122. |
123. |
124. |
125. |
126. |
127. |
128. |
129. |
130. |
131. |
132. |
133. |
134. |
135. |
136. |
137. |
138. |
139. |
140. |
141. |
142. |
143. |
144. |
145. |
146. |
147. |
148. |
149. |
150. |
151. |
152. |
153. |
154. |
155. |
156. |
157. |
158. |
159. |
160. |
161. |
1. |
2. |
3. |
4. |
5. |
6. |
7. |
8. |
9. |
10. |
11. |
12. |
13. |
14. |
15. |
16. |
17. |
18. |
19. |
20. |
21. |
22. |
23. |
24. |
25. |
26. |
27. |
28. |
29. |
30. |
31. |
32. |
33. |
34. |
35. |
36. |
37. |
38. |
39. |
40. |
41. |
42. |
43. |
44. |
45. |
46. |
47. |
48. |
49. |
50. |
51. |
52. |
53. |
54. |
55. |
56. |
57. |
58. |
59. |
60. |
61. |
62. |
63. |
64. |
65. |
66. |
67. |
68. |
69. |
70. |
71. |
72. |
73. |
74. |
75. |
76. |
77. |
78. |
79. |
80. |
81. |
82. |
83. |
84. |
85. |
86. |
87. |
88. |
89. |
90. |
91. |
92. |
93. |
94. |
95. |
96. |
97. |
98. |
99. |
100. |
101. |
102. |
103. |
104. |
105. |
106. |
107. |
108. |
109. |
110. |
111. |
112. |
113. |
114. |
115. |
116. |
117. |
118. |
119. |
120. |
121. |
122. |
123. |
124. |
125. |
126. |
127. |
128. |
129. |
130. |
130. |
131. |
132. |
133. |
134. |
135. |
136. |
137. |
138. |
139. |
140. |
141. |
142. |
143. |
144. |
145. |
146. |
147. |
148. |
149. |
150. |
151. |
152. |
153. |
154. |
155. |
156. |
157. |
158. |
159. |
160. |
161. |
162. |
163. |
164. |
165. |
166. |
167. |
168. |
169. |
170. |
171. |
172. |
173. |
174. |
175. |
176. |
177. |
178. |
179. |
180. |
181. |
182. |
183. |
184. |
185. |
186. |
187. |
188. |
189. |
190. |
191. |
192. |
193. |
194. |
195. |
196. |
197. |
198. |
199. |
200. |
201. |
202. |
203. |
204. |
205. |
206. |
207. |
208. |
209. |
210. |
211. |
212. |
213. |
214. |
215. |
216. |
217. |
218. |
219. |
220. |
221. |
222. |
223. |
224. |
225. |
226. |
227. |
228. |
229. |
230. |
231. |
232. |
233. |
234. |
235. |
236. |
237. |
238. |
239. |
240. |
241. |
242. |
243. |
244. |
245. |
246. |
247. |
248. |
249. |
250. |
251. |
252. |
253. |
254. |
255. |
256. |
257. |
258. |
259. |
260. |
261. |
262. |
263. |
264. |
265. |
266. |
267. |
268. |
269. |
270. |
271. |
272. |
273. |
274. |
275. |
276. |
277. |
278. |
279. |
280. |
281. |
282. |
283. |
284. |
285. |
286. |
287. |
288. |
289. |
290. |
291. |
292. |
293. |
294. |
295. |
296. |
297. |
298. |
299. |
300. |
301. |
302. |
303. |
304. |
305. |
306. |
307. |
308. |
309. |
310. |
311. |
312. |
313. |
314. |
315. |
316. |
317. |
318. |
319. |
320. |
321. |
322. |
323. |
324. |
325. |
326. |
327. |
328. |
329. |
330. |
331. |
332. |
333. |
334. |
335. |
336. |
337. |
338. |
339. |
340. |
341. |
342. |
343. |
344. |
345. |
346. |
347. |
348. |
349. |
350. |
351. |
352. |
353. |
354. |
355. |
356. |
357. |
358. |
359. |
360. |
361. |
362. |
363. |
364. |
365. |
366. |
367. |
370. |
371. |
372. |
373. |
374. |
375. |
376. |
377. |
378. |
379. |
380. |
381. |
382. |
383. |
384. |
385. |
386. |
387. |
388. |
389. |
390. |
391. |
392. |
393. |
394. |
395. |
396. |
397. |
398. |
399. |
400. |
401. |
402. |
403. |
404. |
405. |
406. |
407. |
408. |
409. |
410. |
411. |
412. |
413. |
414. |
415. |
416. |
417. |
418. |
419. |
420. |
421. |
422. |
423. |
424. |
425. |
426. |
427. |
428. |
429. |
430. |
431. |
432. |
433. |
434. |
435. |
436. |
437. |
438. |
439. |
440. |
441. |
442. |
443. |
444. |
445. |
446. |
447. |
448. |
449. |
450. |
451. |
452. |
453. |
454. |
455. |
456. |
457. |
458. |
459. |
460. |
461. |
462. |
463. |
464. |
465. |
466. |
467. |
468. |
469. |
470. |
471. |
472. |
473. |
474. |
475. |
476. |
477. |
478. |
479. |
480. |
481. |
482. |
483. |
484. |
485. |
486. |
487. |
488. |
489. |
290. |
THESAURO-PHULAKION[Greek]: or, A treasury of divine raptures | ||
37. On Afflictions.
How light afflictions are! how transitory,Compared to the weight of endless glory!
Or if compar'd to sin, or if to Hell,
And yet when our proud hearts do rise and swell,
We think them heavy, for they press us down,
Many dislike the Cross, but not the Crown:
Tis true affliction hath a vexing sting,
But know withal, it hath a flying wing;
The shadows of the night shall flee away,
And we shall see an everlasting day;
Afflict'ons water like a Land-flood shall
Be soon dry'd up, the Saints rise by their fall,
Their night-cloaths flung aside, they shall be drest
In rich array, and be for ever blest.
THESAURO-PHULAKION[Greek]: or, A treasury of divine raptures | ||