The poetical works of William Wordsworth ... In six volumes ... A new edition |
| I. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| XVIII. |
| XIX. |
| XX. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| XVIII. |
| XIX. |
| XX. |
| XXI. |
| XXII. |
| XXIII. |
| XXIV. |
| XXV. |
| XXVI. |
| XXVII. |
| XXVIII. |
| XXIX. |
| XXX. |
| XXXI. |
| XXXII. |
| XXXIII. |
| XXXIV. |
| XXXV. |
| XXXVI. |
| XXXVII. |
| XXXVIII. |
| II. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| XVIII. |
| XIX. |
| XX. |
| XXI. |
| XXII. |
| XXIII. |
| XXIV. |
| XXV. |
| XXVI. |
| XXVII. |
| XXVIII. |
| XXIX. |
| XXX. |
| XXXI. |
| XXXII. |
| 1. |
| 2. |
| 3. |
| 4. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| XVIII. |
| XIX. |
| XX. |
| XXI. |
| XXII. |
| XXIII. |
| XXIV. |
| XXV. |
| XXVI. |
| XXVII. |
| XXVIII. |
| XXIX. |
| XXX. |
| XXXI. |
| XXXII. |
| XXXIII. |
| XXXIV. |
| XXXV. |
| XXXVI. |
| XXXVII. |
| XXXVIII. |
| XXXIX. |
| XL. |
| XLI. |
| XLII. |
| XLIII. |
| XLIV. |
| XLV. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| XLVI. |
| XLVII. |
| XLVIII. |
| XLIX. |
| L. |
| LI. |
| 1. |
| 2. |
| 3. |
| I. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| XVIII. |
| XIX. |
| XX. |
| XXI. |
| XXII. |
| XXIII. |
| I. |
| II. |
| III. |
| XXVII. |
| XXVIII. |
| XXIX. |
| XXX. |
| XXXI. |
| XXXII. |
| XXXIII. |
| XXXIV. |
| XXXV. |
| XXXVI. |
| II. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| XVIII. |
| XIX. |
| XX. |
| XXI. |
| XXII. |
| XXIII. |
| XXIV. |
| XXV. |
| XXVI. |
| XXVII. |
| XXVIII. |
| XXIX. |
| XXX. |
| XXXI. |
| XXXII. |
| XXXIII. |
| XXXIV. |
| XXXV. |
| XXXVI. |
| III. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| XVIII. |
| XIX. |
| XX. |
| XXI. |
| XXII. |
| XXIII. |
| XXIV. |
| XXV. |
| XXVI. |
| XXVII. |
| XXVIII. |
| XXIX. |
| XXX. |
| XXXI. |
| XXXII. |
| XXXIII. |
| XXXIV. |
| XXXV. |
| XXXVI. |
| XXXVII. |
| XXXVIII. |
| XXXIX. |
| XL. |
| XLI. |
| XLII. |
| XLIII. |
| XLIV. |
| XLV. |
| XLVI. |
| XLVII. |
| XLVIII. |
| III. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| I. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| XVIII. |
| XIX. |
| XX. |
| XXI. |
| XXII. |
| XXIII. |
| XXIV. |
| XXV. |
| XXVI. |
| XXVII. |
| XXVIII. |
| II. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| XVIII. |
| XIX. |
| XX. |
| XXI. |
| XXII. |
| XXIII. |
| XXIV. |
| XXV. |
| XXVI. |
| XXVII. |
| XXVIII. |
| XXIX. |
| XXX. |
| XXXI. |
| XXXII. |
| XXXIII. |
| XXXIV. |
| XXXV. |
| XXXVI. |
| XXXVII. |
| XXXVIII. |
| XXXIX. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| XL. |
| XLI. |
| XLII. |
| XLIII. |
| XLIV. |
| XLV. |
| XLVI. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| XVIII. |
| XIX. |
| XX. |
| XXI. |
| XXII. |
| XXIII. |
| XXIV. |
| XXV. |
| I. |
| II. |
| XXVI. |
| XXVII. |
| XXVIII. |
| XXIX. |
| XXX. |
| XXXI. |
| XXXII. |
| XXXIV. |
| XXXV. |
| XXXVI. |
| XXXVII. |
| XXXVIII. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| XVIII. |
| XIX. |
| XX. |
| XXI. |
| XXII. |
| XXIII. |
| XXIV. |
| XXV. |
| XXVI. |
| XXVII. |
| XXVIII. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| XVIII. |
| XIX. | XIX. TRIBUTARY STREAM. |
| XX. |
| XXI. |
| XXII. |
| XXIII. |
| XXIV. |
| XXV. |
| XXVI. |
| XXVII. |
| XXVIII. |
| XXIX. |
| XXX. |
| XXXI. |
| XXXII. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| XVIII. |
| XIX. |
| XX. |
| XXI. |
| XXII. |
| XXIII. |
| XXIV. |
| XXV. |
| XXVI. |
| IV. |
| 1. |
| 2. |
| 3. |
| 4. |
| 5. |
| 6. |
| 7. |
| I. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| XVIII. |
| XIX. |
| XX. |
| XXI. |
| XXII. |
| XXIII. |
| XXIV. |
| XXV. |
| XXVI. |
| XXVII. |
| XXVIII. |
| XXIX. |
| XXX. |
| XXXI. |
| XXXII. |
| XXXIII. |
| XXXIV. |
| XXXV. |
| XXXVI. |
| XXXVII. |
| XXXVIII. |
| XXXIX. |
| II. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| XVIII. |
| XIX. |
| XX. |
| XXI. |
| XXII. |
| XXIII. |
| XXIV. |
| XXV. |
| XXVI. |
| XXVII. |
| XXVIII. |
| XXIX. |
| XXX. |
| XXXI. |
| XXXII. |
| XXXIII. |
| XXXIV. |
| XXXV. |
| XXXVI. |
| XXXVII. |
| XXXVIII. |
| XXXIX. |
| XL. |
| XLI. |
| XLII. |
| XLIII. |
| XLIV. |
| XLV. |
| XLVI. |
| III. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| XVIII. |
| XIX. |
| XX. |
| XXI. |
| XXII. |
| XXIII. |
| XXIV. |
| XXV. |
| XXVI. |
| XXVII. |
| XXVIII. |
| XXIX. |
| XXX. |
| XXXI. |
| XXXII. |
| XXXIII. |
| XXXIV. |
| XXXV. |
| XXXVI. |
| XXXVII. |
| XXXVIII. |
| XXXIX. |
| XL. |
| XLI. |
| XLII. |
| XLIII. |
| XLIV. |
| XLV. |
| XLVI. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| XVIII. |
| XIX. |
| XX. |
| XXI. |
| XXII. |
| XXIII. |
| XXIV. |
| XXV. |
| XXVI. |
| XXVII. |
| XXVIII. |
| XXIX. |
| XXX. |
| XXXI. |
| XXXII. |
| XXIII. |
| XXXIV. |
| XXXV. |
| XXXVI. |
| XXXVII. |
| XXXVIII. |
| XXXIX. |
| XL. |
| XLI. |
| XLII. |
| XLIII. |
| XLIV. |
| XLV. |
| XLVI. |
| XLVII. |
| XLVIII. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| XVIII. |
| XIX. |
| XX. |
| XXI. |
| XXII. |
| XXIII. |
| XXIV. |
| XXV. |
| XXVI. |
| XXVII. |
| XXVIII. |
| XXIX. |
| XXX. |
| XXXI. |
| XXXII. |
| XXXIII. |
| XXXIV. |
| XXXV. |
| XXXVI. |
| XXXVII. |
| XXXVIII. |
| XXXIX. |
| XL. |
| XLI. |
| XLII. |
| XLIII. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| V. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| XVIII. |
| XIX. |
| XX. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| I. |
| II. |
| III. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| I. |
| II. |
| III. |
| IV. |
| V. |
| VI. |
| VII. |
| VIII. |
| IX. |
| X. |
| XI. |
| I. |
| II. |
| XII. |
| XIII. |
| XIV. |
| XV. |
| XVI. |
| XVII. |
| VI. |
| 1. |
| 2. |
| 3. |
| 4. |
| 5. |
| 6. |
| 7. |
| 8. |
| 9. |
| The poetical works of William Wordsworth | ||
XIX. TRIBUTARY STREAM.
My frame hath often trembled with delightWhen hope presented some far-distant good,
That seemed from heaven descending, like the flood
Of yon pure waters, from their aëry height
Hurrying, with lordly Duddon to unite;
Who, 'mid a world of images imprest
On the calm depth of his transparent breast,
Appears to cherish most that Torrent white,
The fairest, softest, liveliest of them all!
And seldom hath ear listened to a tune
More lulling than the busy hum of Noon,
Swoln by that voice—whose murmur musical
Announces to the thirsty fields a boon
Dewy and fresh, till showers again shall fall.
| The poetical works of William Wordsworth | ||