Quodlibets, lately come over from New Britaniola, Old Newfoundland. Epigrams and other small parcels both Morall and Divine The first foure Bookes being the Authors owne: the rest translated out of that Excellent Epigrammist, Mr Iohn Owen, and other rare Authors: With two Epistles of that excellently wittie Doctor, Francis Rablais: Translated out his French at large. All of them Composed and done at Harbor-Grace in Britaniola, anciently called Newfound-Land. By R. H. [by Robert Hayman] |
1. |
1. |
2. |
3. |
4. |
5. |
6. |
7. |
8. |
9. |
10. |
11. |
12. |
13. |
14. |
15. |
16. |
17. |
18. |
19. |
20. |
22. |
22. |
23. |
24. |
25. |
26. |
27. |
28. |
29. |
30. |
31. |
32. |
33. |
34. |
35. |
36. |
37. |
38. |
39. |
40. |
41. |
42. |
42. |
44. |
45. |
46. |
47. |
48. |
49. |
50. |
51. |
52. |
53. |
54. |
55. |
56. |
57. |
58. |
59. |
60. |
62. |
63. |
64. |
65. |
66. |
67. |
68. |
69. |
70. |
71. |
72. |
73. |
74. |
75. |
76. |
77. |
78. |
79. |
80. |
81. |
82. |
83. |
84. |
85. |
86. |
87. |
88. |
89. |
90. |
91. |
92. |
93. |
94. |
95. |
96. |
97. |
98. |
99. |
100. |
101. |
102. |
103. |
104. |
105. |
106. |
107. |
108. |
109. |
110. |
111. |
112. |
113. |
114. |
115. |
116. |
117. |
118. |
2. |
1. |
2. |
3. |
4. |
5. |
6. |
7. |
8. |
9. |
10. |
11. |
12. |
13. |
14. |
15. |
16. |
17. |
18. |
19. |
20. |
21. |
22. |
23. |
24. |
25. |
26. |
27. |
28. |
29. |
30. |
31. |
32. |
33. |
34. |
35. |
36. |
37. |
38. |
39. |
40. |
41. |
42. |
43. |
44. |
45. |
46. |
47. |
48. |
49. |
50. |
51. |
52. |
53. |
54. |
55. |
56. |
57. |
58. |
59. |
60. |
61. |
62. |
63. |
64. |
65. |
66. |
67. |
68. |
69. |
70. |
71. |
72. |
73. |
74. |
75. |
76. |
77. |
79. |
80. |
81. |
82. |
83. |
84. |
86. |
86. |
87. |
88. |
89. |
90. |
91. |
92. |
93. |
94. |
95. |
96. |
97. |
98. |
99. |
100. |
101. |
102. |
103. |
104. |
105. |
106. |
3. |
2. |
1. |
4. |
5. |
6. |
7. |
8. |
9. |
10. |
11. |
12. |
13. |
14. |
15. |
16. |
17. |
18. |
19. |
20. |
21. |
22. |
23. |
24. |
25. |
26. |
27. |
28. |
29. |
30. |
32. |
33. |
34. |
35. |
36. |
37. |
38. |
39. |
40. |
41. |
42. |
43. |
44. |
45. |
46. |
47. |
48. |
49. |
50. |
51. |
52. |
53. |
54. |
55. |
56. |
57. |
58. |
59. |
60. |
61. |
62. |
63. |
64. |
65. |
66. |
67. |
68. |
69. |
70. |
71. |
72. |
73. |
74. |
75. |
77. |
78. |
79. |
80. |
81. |
82. |
83. |
84. |
85. |
86. |
87. |
88. |
88. |
90. |
91. |
92. |
93. |
94. |
95. |
96. |
97. |
98. |
99. |
100. |
101. |
102. |
103. |
4. |
1. |
2. |
3. |
4. |
5. |
6. |
7. |
8. |
9. |
10. |
11. |
12. |
13. |
14. |
15. |
16. |
17. |
18. |
19. |
20. |
21. |
22. |
23. |
24. |
27. |
28. |
29. |
30. |
1. |
2. |
3. |
8. |
14. |
15. |
16. |
21. |
26. |
27. |
28. |
30. |
31. |
35. |
39. |
52. |
53. |
54. |
55. |
57. |
58. |
61. |
62. |
63. |
71. |
73. |
76. |
80. |
84. |
89. |
93. |
94. |
101. |
103. |
105. |
106. |
107. |
113. |
115. |
119. |
120. |
127. |
130. |
131. |
132. |
139. |
143. |
144. |
147. |
149. |
151. |
161. |
162. |
163. |
164. |
165. |
166. |
167. |
168. |
172. |
173. |
2. |
1. |
5. |
7. |
8. |
9. |
10. |
11. |
12. |
37. |
39. |
43. |
47. |
54. |
57. |
64. |
68. |
71. |
72. |
80. |
81. |
88. |
89. |
94. |
102. |
104. |
111. |
115. |
116. |
122. |
124. |
126. |
127. |
131. |
132. |
133. |
137. |
138. |
148. |
157. |
158. |
160. |
161. |
172. |
177. |
181. |
183. |
189. |
191. |
193. |
196. |
200. |
203. |
204. |
213. |
214. |
215. |
217. |
218. |
3. |
4. |
9. |
10. |
11. |
12. |
18. |
22. |
24. |
25. |
30. |
31. |
35. |
37. |
41. |
45. |
47. |
65. |
76. |
77. |
80. |
82. |
84. |
86. |
96. |
105. |
106. |
108. |
110. | 110 Much Preaching. To Preachers. |
112. |
116. |
117. |
118. |
120. |
123. |
124. |
125. |
128. |
129. |
130. |
132. |
138. |
140. |
143. |
146. |
148. |
149. |
161. |
164. |
165. |
170. |
173. |
174. |
181. |
182. |
183. |
185. |
186. |
187. |
191. |
193. |
196. |
192. |
197. |
200. |
199. |
201. |
207. |
208. |
4. |
3. |
4. |
10. |
16. |
17. |
18. |
20. |
23. |
26. |
29. |
31. |
33. |
35. |
36. |
38. |
40. |
41. |
50. |
53. |
69. |
75. |
80. |
82. |
84. |
87. |
88. |
91. |
93. |
94. |
95. |
96. |
97. |
100. |
105. |
113. |
114. |
115. |
118. |
119. |
121. |
127. |
128. |
131. |
132. |
136. |
140. |
141. |
144. |
147. |
149. |
156. |
159. |
160. |
162. |
163. |
171. |
173. |
180. |
182. |
183. |
184. |
188. |
189. |
190. |
192. |
193. |
194. |
206. |
207. |
215. |
216. |
217. |
223. |
225. |
227. |
235. |
245. |
246. |
247. |
248. |
259. |
249. |
254. |
257. |
258. |
262. |
263. |
64. |
266. |
267. |
269. |
273. |
Quodlibets, lately come over from New Britaniola, Old Newfoundland. Epigrams and other small parcels both Morall and Divine | ||
110 Much Preaching. To Preachers.
'Tis signe of much ill, where much preaching needs,
For what needs preaching, where you see good deeds?
For what needs preaching, where you see good deeds?
A reply to mine Author.
Yes, preaching may doe good, where goodnesse growes,T'incourage, to confirme, to comfort those.
Quodlibets, lately come over from New Britaniola, Old Newfoundland. Epigrams and other small parcels both Morall and Divine | ||