The Scourge of Folly Consisting of satyricall Epigrams, And others in honour of many noble Persons and worthy friends, together, with a pleasant (though discordant) Descant upon most English Proverbs and others [by John Davies] |
1. |
2. |
3. |
4. |
5. |
6. |
7. |
8. |
9. |
10. |
11. |
12. |
13. |
14. |
15. |
16. |
17. |
18. |
19. |
20. |
21. |
22. |
23. |
24. |
25. |
26. |
27. |
28. |
29. |
30. |
31. |
32. |
Epig. 32. Against Graxus his vpholding his honor.
|
33. |
34. |
35. |
36. |
37. |
38. |
39. |
40. |
41. |
42. |
43. |
44. |
45. |
46. |
47. |
48. |
49. |
50. |
51. |
52. |
53. |
54. |
55. |
56. |
57. |
58. |
59. |
60. |
61. |
62. |
63. |
64. |
65. |
66. |
67. |
68. |
69. |
70. |
71. |
72. |
73. |
74. |
75. |
76. |
77. |
78. |
79. |
80. |
81. |
82. |
83. |
84. |
87. |
88. |
89. |
90. |
91. |
92. |
93. |
94. |
95. |
96. |
97. |
98. |
99. |
100. |
101. |
54. |
102. |
103. |
104. |
105. |
106. |
107. |
108. |
109. |
110. |
111. |
112. |
113. |
114. |
115. |
116. |
117. |
118. |
119. |
120. |
121. |
122. |
123. |
124. |
125. |
126. |
127. |
128. |
129. |
130. |
131. |
132. |
133. |
134. |
135. |
136. |
137. |
138. |
139. |
140. |
141. |
142. |
143. |
144. |
145. |
146. |
147. |
148. |
149. |
150. |
151. |
152. |
153. |
154. |
155. |
156. |
157. |
158. |
159. |
160. |
161. |
162. |
163. |
164. |
165. |
166. |
167. |
168. |
169. |
170. |
171. |
172. |
173. |
174. |
175. |
176. |
177. |
178. |
179. |
180. |
181. |
182. |
183. |
184. |
184. |
185. |
186. |
187. |
188. |
189. |
190. |
191. |
192. |
193. |
194. |
195. |
196. |
197. |
198. |
199. |
200. |
201. |
202. |
203. |
204. |
205. |
206. |
207. |
208. |
209. |
210. |
211. |
212. |
213. |
214. |
215. |
216. |
217. |
218. |
221. |
222. |
223. |
124. |
225. |
226. |
227. |
288. |
289. |
230. |
231. |
94. |
233. |
234. |
235. |
136. |
237. |
238. |
239. |
240. |
241. |
242. |
243. |
244. |
245. |
246. |
197. |
198. |
299. |
250. |
251. |
252. |
253. |
254. |
255. |
256. |
257. |
258. |
259. |
260. |
261. |
262. |
263. |
264. |
265. |
266. |
267. |
268. |
269. |
270. |
271. |
272. |
273. |
274. |
275. |
276. |
277. |
278. |
279. |
280. |
281. |
282. |
283. |
284. |
285. |
276. |
277. |
278. |
279. |
280. |
291. |
292. |
293. |
1. |
2. |
3. |
4. |
5. |
6. |
7. |
8. |
9. |
10. |
11. |
12. |
13. |
14. |
15. |
16. |
17. |
18. |
19. |
20. |
21. |
22. |
23. |
24. |
25. |
26. |
27. |
28. |
29. |
30. |
31. |
32. |
33. |
34. |
35. |
36. |
37. |
38. |
39. |
40. |
41. |
42. |
43. |
44. |
45. |
46. |
57. |
48. |
47. |
48. |
49. |
50. |
51. |
52. |
53. |
54. |
55. |
56. |
59. |
60. |
61. |
62. |
63. |
64. |
65. |
66. |
67. |
68. |
69. |
70. |
71. |
72. |
73. |
74. |
75. |
76. |
77. |
78. |
79. |
80. |
81. |
82. |
83. |
84. |
85. |
86. |
87. |
88. |
89. |
90. |
91. |
92. |
93. |
94. |
95. |
96. |
97. |
98. |
99. |
100. |
101. |
102. |
103. |
104. |
105. |
106. |
107. |
108. |
109. |
110. |
111. |
112. |
113. |
114. |
115. |
116. |
117. |
118. |
119. |
120. |
121. |
122. |
123. |
124. |
125. |
126. |
127. |
128. |
129. |
130. |
131. |
132. |
133. |
134. |
135. |
136. |
137. |
138. |
139. |
140. |
141. |
142. |
143. |
144. |
145. |
146. |
147. |
148. |
149. |
150. |
151. |
152. |
153. |
154. |
155. |
156. |
157. |
158. |
159. |
160. |
161. |
162. |
163. |
164. |
165. |
166. |
167. |
168. |
169. |
170. |
171. |
172. |
173. |
174. |
175. |
176. |
177. |
178. |
179. |
180. |
181. |
182. |
183. |
184. |
185. |
186. |
187. |
188. |
189. |
190. |
191. |
192. |
193. |
194. |
195. |
196. |
197. |
198. |
199. |
200. |
201. |
202. |
203. |
204. |
205. |
206. |
207. |
208. |
209. |
210. |
211. |
212. |
213. |
214. |
215. |
216. |
217. |
218. |
219. |
220. |
221. |
222. |
223. |
224. |
225. |
226. |
227. |
228. |
229. |
230. |
231. |
232. |
233. |
234. |
235. |
236. |
237. |
238. |
239. |
240. |
241. |
242. |
243. |
244. |
245. |
246. |
247. |
248. |
249. |
250. |
251. |
252. |
252. |
253. |
255. |
256. |
257. |
258. |
259. |
260. |
261. |
262. |
263. |
264. |
265. |
266. |
267. |
268. |
269. |
270. |
271. |
272. |
273. |
274. |
275. |
276. |
277. |
278. |
279. |
280. |
281. |
282. |
283. |
284. |
285. |
286. |
287. |
288. |
289. |
290. |
291. |
292. |
293. |
294. |
295. |
296. |
297. |
298. |
299. |
300. |
301. |
302. |
303. |
304. |
305. |
306. |
307. |
308. |
309. |
310. |
311. |
312. |
313. |
314. |
315. |
316. |
317. |
318. |
319. |
320. |
321. |
322. |
323. |
324. |
325. |
326. |
327. |
328. |
329. |
330. |
331. |
332. |
333. |
334. |
336. |
337. |
338. |
339. |
340. |
341. |
342. |
343. |
344. |
345. |
346. |
347. |
348. |
349. |
350. |
351. |
352. |
353. |
354. |
355. |
356. |
357. |
358. |
359. |
360. |
361. |
362. |
363. |
364. |
365. |
366. |
367. |
368. |
369. |
370. |
371. |
372. |
373. |
374. |
375. |
376. |
377. |
378. |
379. |
380. |
381. |
382. |
383. |
384. |
385. |
386. |
387. |
388. |
389. |
390. |
392. |
393. |
394. |
395. |
396. |
397. |
398. |
399. |
400. |
401. |
402. |
403. |
404. |
405. |
406. |
407. |
408. |
409. |
410. |
411. |
412. |
413. |
414. |
415. |
416. |
417. |
418. |
419. |
The Scourge of Folly | ||
Epig. 32. Against Graxus his vpholding his honor.
Graxus , vpon his reputation stands,Once touche but That, and straight he fights therefore,
14
To cousin him, or, helpe him to a whoore.
Filche like a Ragiman, like a Ruffin sweare;
And forsweare like a Iuror, oft forsworne:
Drunke euery day (for want of wine) with Beere;
And yet to haue his honor toucht doth scorne.
Alas poore man! his honor is so thin
That it is neither toucht, felt, heard, or seene.
But Graxus if thy sole repute bee bralling;
A Bandogge is thy better, by his balling.
The Scourge of Folly | ||